बचपन की यादें वो पल जो अब कभी लौट कर नहीं आने वाली। आखिर क्यों याद आते है? वो पल। जिनकी हम सब करना चाहते बातें। वो बचपन का पल,जिस पल में हम बड़े होने के सपने देखा करते थे। कि हम कब बड़े होंगे। और आज उस bachpan ki yaadein जब सच हो गई। … Read more बचपन की यादें
आज हम एक ऐसे विषय पर बार करने जा रहे है,जो हमारे जीवन से इस कदर जुड़ गई है। कि हमें हमसे अकेला कर देती है। या कह सकते है कि वो हमारे सोच विचार को अब अपने वश में कर अपने हिसाब से हमें चलाने लगी है। वो है डिप्रेशन (depression) जिससे कभी ना … Read more Depression: Ek kahani
एक Student रूपी जीवन का हर व्यक्ति के जीवन का सबसे यादगार समय होता है। STUDENT का जीवन एक साधना और तपस्या है। जो इस साधना और तपस्या रूपी परीक्षा मे सफल हो जाता है। वो जीवन के हर कठिन से कठिन मोड़ को पार कर सफलता प्राप्त कर लेता है। आज इस शब्द का विश्लेषण आपको बताने जा रहे है। और कुछ ये नियम जो हर एक स्टूडेंट में होना बहुत आवश्यक चाहिए है। आइए हम (STUDENT) शब्द के अर्थ को समझते है। क्यों कि अगर हम student है, तो हमारे लिए शब्द का अर्थ जानना बहुत जरूरी है। तो आइए चलते है, फिर।
एक विद्यार्थी मे यह पांच लक्षण अवश्य होने चाहिए.. कौवे की तरह जानने की चेष्टा (इच्छा)। बगुले की तरह ध्यान, कुत्ते की तरह सोना (निंद्रा)। अल्पाहारी, आवश्यकतानुसार खाने वाला और गृह-त्यागी होना चाहिए।
अगर हमारे अंदर ये पांच लक्षण नहीं है, तो हम एक बेहतरीन विद्यार्थी नहीं हो सकते।
U यह Student शब्द का दूसरा वर्णन है इस वर्ण में understanding शब्द बनता है जिसका अर्थ है समझदारी। अतः प्रत्येक विद्यार्थी को समझदारी से कार्य करना चाहिए।
D यह Student शब्द का चौथा वर्णन है इस वर्ण में discipline शब्द बनता है जिसका अर्थ है अनुशासन। जो कि प्रत्येक विद्यार्थी में होना चाहिए।
E यह Student शब्द का पांचवा वर्ण है इस वर्ण में education शब्द बनता है जिसका अर्थ शिक्षा। अतः प्रत्येक विद्यार्थी को भली-भांति शिक्षा ग्रहण करनी चाहिए।
N यह Student शब्द का वर्ण है इस वर्ण में Natural शब्द बनता है जिसका अर्थ है प्राकृतिक।अतः प्रत्येक विद्यार्थी का व्यवहार Natrual होना चाहिए ना कि artificial।
T यह Student शब्द का सातवां वर्ण है इस वर्ण में Try शब्द बनता है जिसका अर्थ है कोशिश करना। अतः प्रत्येक विद्यार्थी को कठिन से कठिन कार्य में सफलता प्राप्त करने के लिए कोशिश करते रहना चाहिए।
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ग्रहों, नक्षत्रों की वैज्ञानिक व्याख्या करने वाले प्रसिद्ध ज्योतिषी व गणितीय आर्यभट्ट हमारे देश में हुए है। पूरे विश्व को शून्य सहित दस अंक संकेतक से परिचित कराने वाले आर्यभट्ट का जन्म दक्षिणीपथ में गोदावरी नदी के सुरम्य तट पर बसे अश्मक जनपद में हुआ था । बाल्यकाल से ही आर्यभट्ट बेहद कुशाग्र बुद्धि के थे। गणित वा ज्योतिषी में उनकी गहन रुचि थी। इसमें पांडित्य प्राप्त करने हेतु वे पाटलिपुत्र पहुंच गए । आर्यभट्ट ने पुरानी मान्यताओं को दूर करते हुए नक्षत्रों के बारे में अपने गहन शोध के द्वारा कई मान्यताएं लोगो को बतलाई। उस युग में अंधविश्वास के चलते लोग ग्रह के समय मानते थे कि राहू ने चंद्रमा या सूर्य को निगल लिया है। स्नान, दान- पुण्य का सिलसिला शुरू हो जाता था लेकिन युवा ज्योतिषी आर्यभट्ट ने ग्रहण की वैज्ञानिक व्याख्या करते हुए बताया कि पृथ्वी कि बड़ी प्रतिछाया जब चंद्रमा पर पड़ती है जब चन्द्र ग्रहण होता है । चंद्रमा जब धरती वा सूर्य के बीच आ जाता है तब सूर्य ग्रहण होता है। पारंपरिक अंधविश्वास के खिलाफ युद्ध लड़ने के कारण ही इनका आर्यभट्ट रखा गया था ।
‘ भट्ट ‘ यानी योद्धा। आर्यभट्ट ने यह भी सिद्ध के बतलाया कि पृथ्वी स्थिर नहीं है। वह अपनी धुरी पर चक्कर लगाती रहती है। आकाश का तारामंडल स्थिर है, आर्यभट्ट की सबसे बड़ी उपलब्धि रही है शून्य सहित केवल दस अंक संकेतो से संख्याओं कि अभिव्यक्ति करना। आर्यभट्ट ने अपनी संस्कृत में लिखी पुस्तक ‘ आर्यभटीय ‘ से प्रारंभ में ही वृंद ( 1000000000 ) यानी अरब तक दस गुणोत्तर संख्या देकर प्रतिपादित किया कि इनमें प्रत्येक स्थान अपने पिछले अंक से दस गुना है ।
प्रसिद्ध ज्योतिषी वा गणितज्ञ आर्यभट्ट के नाम से ही भारत के प्रथम कृत्रिम उपग्रह को 19 अप्रैल 1975 में अंतरिक्ष से छोड़ा गया । आज भी आर्यभट्ट का नाम गणित वा ज्योतिष के क्षेत्र में भारत के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में अंकित है, जो हमारी युवा वा बाल पीढ़ी को सदैव प्रेरणा प्रदान करता रहेगा।
आर्यभट का योगदान
भारत के इतिहास में जिसे ‘गुप्तकाल’ या ‘स्वर्णयुग’ के नाम से जाना जाता है, उस समय भारत ने साहित्य, कला और विज्ञान क्षेत्रों में अभूतपूर्व प्रगति की। उस समय मगध स्थित नालन्दा विश्वविद्यालय ज्ञानदान का प्रमुख और प्रसिद्ध केंद्र था। देश विदेश से विद्यार्थी ज्ञानार्जन के लिए यहाँ आते थे। वहाँ खगोलशास्त्र के अध्ययन के लिए एक विशेष विभाग था। एक प्राचीन श्लोक के अनुसार आर्यभट नालंदा विश्वविद्यालय के कुलपति भी थे।
आर्यभट का भारत और विश्व के ज्योतिष सिद्धान्त पर बहुत प्रभाव रहा है। आर्यभट भारतीय गणितज्ञों में 0सबसे महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। इन्होंने 120 आर्याछंदों में ज्योतिष शास्त्र के सिद्धांत और उससे संबंधित गणित को सूत्ररूप में अपने आर्यभटीय ग्रंथ में लिखा है।
आर्यभट ने ज्योतिषशास्त्र के आजकल के उन्नत साधनों के बिना जो खोज की थी,यह उनकी महत्ता है। कोपर्निकस (1473 से 1543 ई.) ने जो खोज की थी उसकी खोज आर्यभट हजार वर्ष पहले कर चुके थे। “गोलपाद” में आर्यभट ने लिखा है “नाव में बैठा हुआ मनुष्य जब प्रवाह के साथ आगे बढ़ता है, तब वह समझता है कि अचर वृक्ष, पाषाण, पर्वत आदि पदार्थ उल्टी गति से जा रहे हैं। उसी प्रकार गतिमान पृथ्वी पर से स्थिर नक्षत्र भी उलटी गति से जाते हुए दिखाई देते हैं।” इस प्रकार आर्यभट ने सर्वप्रथम यह सिद्ध किया कि पृथ्वी अपने अक्ष पर घूमती है। इन्होंने सतयुग, त्रेता, द्वापर और कलियुग को समान माना है। इनके अनुसार एक कल्प में 14 मन्वंतर और एक मन्वंतर में 72 महायुग (चतुर्युग) तथा एक चतुर्युग में सतयुग, द्वापर, त्रेता और कलियुग को समान माना है।
आर्यभट ने बड़ी-बड़ी संख्याओं को अक्षरों के समूह से निरूपित करने कीत्यन्त वैज्ञानिक विधि का प्रयोग किया है।
15 अगस्त यानी हमारी आजादी का दिन (सन् 1947) में हम और हमारा देशअंग्रेजों की गुलामी से मुक्त हुए थे। इस आजादी के नाम पर 74 वर्षों से हम सब उत्साह के साथ मनाते आ रहे हैं। तब से आज तक हम अपनी आजादी का जश्न एक पर्व की तरह मनाते आ रहे हैं। सभी लोग अपनी अपनी खुशियां व्यक्त करने के लिए जश्न की हर मुमकिन कोशिश कर, इस दिन को यादगार बनाते हैं। तिरंगे की शान बढ़ाकर इस देश को महान बनाते है। एक छोटी सी शायरी और कविता के माध्यम से आजादी को अपने नाम किया है। अगर अच्छी लगे तो जय हिंद जरूर लिखें।
ये देश हमारा है और हम सब इसके वासी हैं। ये देश हमें किसी से भेदभाव करना नहीं सिखाता है। हिंदू हो, मुस्लिम हो,सिख हो, ईसाई हो या कोई और हो इसके पहले वो एक हिंदुस्तानी है। हिंदुस्तानी होकर भी लोगों को एक दूसरे से भेदभाव नहीं करना चाहिए। आज 15 अगस्त है हम सब गिले-शिकवे भूलकर मिल कर जश्न मानते है। और इस दिन को एक आजादी वाली सलामी देकर खुद को हिंदुस्तानी होने पर गर्व महसूस करें।
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अपना लक्ष्य goal तय कैसे? कर, अपनी कहानी खुद लिखे।
अपना लक्ष्य Goal
अपनी कहानी खुद लिखने के लिए जिस तरह तमाम लोग,जो आज के समय में succesfull है। उन्होंने किन कठिनाईयों का सामना कर एक लक्ष्य (goal) बनाकर आज, ये मुकाम हासिल किया है। कुछ उसी तरह आज हम मिलकर अपने कुछ समस्याओं पर बात करेंगे। जो हमे एक बड़ा, यानी succesfull इंसान बनने में अड़चनें पैदा करती है। और हम उनसे हार मान कर अपना लक्ष्य (goal) पर से अपना ध्यान हटा देते है। तो इस विषय पर बात कर अपने लक्ष्य (goal) पर फोकस कैसे करे? ये बात हम मिलकर हल करेंगे। एक परेशानी जो हर इंसान के साथ होती है। जिसे अंग्रेजी में कहे तो गोल (goal) और हिंदी में कहे तो लक्ष्य। हर इंसान अपना लक्ष्य (goal) बनता है।
जिसे पूरा करने के लिए अपनी हर मुमकिन कोशिश करते है। लेकिन तमाम कोशिश के बाद भी क्यों वो गोल पूरा होते हुए भी नहीं हो पाता। हमे किसी प्रेरक विचार(motivational thoughts) से प्रभावित तो हो जाए लेकिन क्या हम समझते है? जो हम बनना चाहते है। सिर्फ हम अकेले नहीं बनना चाहते। हमारी तरह लाखो करोड़ों लोग है। जो हमारी तरह सोचते है,हमारी तरह उनका लक्ष्य (goal) होता है। मतलब ये है कि लाखों लोग है। जिन्होंने वही लक्ष्य बना रखा है। जो हमारा गोल है। हमारे माता पिता भी हमारे लिए कुछ सोचते है,कुछ हद तक उनकी सोच हमारी सोच बन जाती है। और फ़िर वो गोल।
सभी के माता पिता अपने बच्चो के लिए अच्छा ही सोचते है। लेकिन बच्चो को वहीं करना चाहिए,जिसमें उनको मज़ा आता हो।जों काम वो बिना थके पूरे मज़े के साथ कर सके। जिसने हमें खुदको प्रेरणा (inspiration) मिले और काम को लेकर, करने से पहले सोचना ना पड़े। अगर आप किसी काम नहीं करना चाहते, तो सोचना पड़ता है।तो इससे आप पर दबाव पड़ेगा। फिर दूसरो से आपका कॉम्पटीशन जैसा माहौल बनने लगेगा,फिर स्ट्रेस (stress) जो दिमागी तौर पर बेकार कर देती है।
हमारे जीवन को बढ़िया बनाने के ये तीन – चार कैरियर विकल्प उपलब्ध है। (सांइस, कॉमार्स, आर्ट्स) ओर भी कुछ है। अगर आप साइंस साइट से या कामर्स साइट से निकलो तो हर कोई वहा से निकल कर सीधे जॉब के बारे में सोचता है। तो उन कैरियर में भी कॉम्पटीशन (compititione) बहुत ज्यादा बढ़ गया और जॉब तो मिलना जैसे दिमगा को डिप्रेस (depress) करने के बराबर है। और जहीर सी बात है कॉम्पटीशन के साथ टेंशन बढ़ेगी , स्ट्रेस बढ़ेगी , कंफ्यूज होंगे। फिर आप सोचते है की मैं करू या ना करू।
इसलिए खुद को ऐसे देखना चाहिए कि हर लक्ष्य (goal) एक रेस है और उसमे भागने वाले हम। मर्जी चाहें जितनी तेज भाग लो। आपसे तेज भागते हुए हजारों लोग नजर आ रहे है। ओर उनको देख आपको परेशान नहीं होना। अगर आंख खोल कर देखेगे तो क्या? वहा पर ये कंफ्यूज रहना चाहिए। कि मैं भागू इस रेस में या नहीं। समस्या यहां है,कि आप अपने सपने, लक्ष्य (goal) बनाने से पहले कुछ फंडामेंटल प्रश्न खुद से कभी पूछते ही नहीं है। यही सारी हमारी सारी परेशानी की जड़ है। अगर ये प्रश्न आप इस एक सही अवास्था (age) में पूछना खुद से शुरू कर दें। तो कुछ कमाल का हो सकता है। अगर हम अपने गोल की तरफ नहीं बढ़ पाते तो हम अपनी किस्मत को कोशने लगते है। और कहते है
कि उसकी लाइफ अच्छी , उसकी लाइफ बुरी है। लेकिन हम किस आधार पर अच्छी और बुरा कहते है ? हर इंसान के जीवन की एक कहानी (story) है। क्या हमारी ज़िन्दगी एक कहानी नहीं है। तो कैसी कहानी आपको देखने में या पढ़ने में मजा आता है। जाहिर सी बात है। इंट्रेस्टिंग कहानियों में मज़ा आता होगा। या फिर बोरिंग कहानी देखने में मज़ा आता है। बोरिंग कहनियां किसी को अच्छी नहीं लगती।
आप खुद सोचिए कोई पिक्चर देखने जाते है आप। और आपको वो पिक्चर अच्छी नहीं लगती,तो आप यही कहते है। कोई कहानी (story) बढ़िया थी ही नहीं। बस पिक्चर बना दिया है। मज़ा नहीं आया देखने में। जब आपको दूसरे की बनाई हुईं,कहानी नहीं अच्छी लगी,तो आप एक बार खुद पर नजर डालिए। कि आप अपने जीवन को किस दिशा में ले जा रहे। आप खुद की कहानी किस तरह बना रहे। लोगो को देख कर आपसे कुछ प्रेरणा (insipration) मिल रहा है। या लोग आपको अनदेखा करके चले जा रहे है। जैसे अपने उस पिक्चर को किया। जिसकी कहानी (story) आपको पंसद नहीं आयी। अगर आपको उस पर पिक्चर की तरह अपनी कहानी नहीं बनानी,तो इसके लिए हमें अपनी सोच की दृष्टि को बड़ा करना होगा क्योंकि हम सब की सोचने की शक्ति छोटी है।
थोड़ा सा अगर हम अपने देश के उद्देश्य से देखते है, तो देश में आज की तारीख (date) में क्या जरूरी है। कि जो दो तीन कैरियर विकल्प है जिसके पीछे करोड़ों लोग पहले से पड़े है। उसी में हम भी हिस्सा लेकर कॉम्पटीशन में आ जाएं। या फिर कुछ नए कैरियर विकल्प खोले। ऐसे विकल्प जिसमें लोगो को लगता है इसमें कुछ नहीं है। उसमें आप जाओ और लक्ष्य (goal) को सेट करो। ओर कुछ बेहतर, एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी (extra ordinary) करो। जो पॉपुलर (popular) कैरियर में गए, सौ लोग मिल कर कमा रहे है। वो एक तरफ आप अकेले कमाओ। फिर दुनिया एक तरफ ओर आप एक तरफ होंगे। ऐसा कुछ होना चाहिए। जिससे आप लोगो के लिए प्रेरक उद्धरण (motivational quotes), एक प्रेरणा (inspiration) बन सके।
ताकि उसको देख कर के यहां पर हजारों – लाखों लोग आए। तो यहां से कॉम्पटीशन कम होगा। और नए-नए विकल्प खुलेगे। लोग आपके लिए नहीं आप लोगो के लिए प्रेरणा विचार insipration ideas लाओ।इतना बड़ा अवसर (opportunity) है भारत (India) में जिसकी कोई हद नहीं। अब से ही लेकिन बंद दिमाग को खोलो। क्यों कि हर इंसान छोटी सी सोच को लेकर बड़ी कामयाबी (succes) को प्राप्त करना चाहता है। लेकिन जब वो नहीं कर पाता, तो डिप्रेशन (depression) जैसे बीमारी का शिकार भी ही जाता है। इसलिए सोचिए आपके पास कितना बड़ा अवसर है। और अपना दिमाग को सेट करिए। और खुदको को एक प्रेरणा की कहानी (Story of inspiration) बनाओ। और वो मुकाम हासिल करो,जिसके आप लायक है।
आज ये अवसर है,लेकिन आज के दस बीस साल बाद ये अवसर नहीं कॉम्पटीशन (comptitation) में तब्दील हो जाएगा। फिर लोग इसके पीछे भागने लगेंगे। आज आपके पास कई रास्ते है,जिसका आप फायदा उठा सकते है। बस आपको नजर उठा कर थोड़ा देखना है।
और जिसको हम दिल और दिमाग कहते है। एक तरीके से कहे सकते है उसको मन। कि मेरा मन कर रहा है की, मैं ये चीज करू। लेकिन मन तो कुछ भी कर सकता है। और मन कैसे काम करता है किसी को कुछ करते देख जिसे हम भी करने की ठान लेते है। और फिर कुछ पल तक जोश के साथ करते है वो काम। ओर फिर हार मान लेते है। इसलिए आप बात समझिये, ओर आज से ही खुदको थोड़ा वक्त देकर सोचिए। बाकी खुद में आप एक ज्ञाता है। बस आपको अपने नजर से देखना है,खुदको।
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आज सास बहू की कहानी लेकर आया हूं। यह कोई नई बात नहीं है कि सास बहू के बीच लड़ाई हो। सास अपनी बहू को बेटी की तरह ना मानकर बहू की तरह पेश आती है। जिसके चलते बहुओं के मन में अपनेपन का जज़्बात खत्म होने लगता है। फिर घर में प्रतिदिन कलेश का … Read more सास बहू की कहानी
एक किसान (farmer) की कहानी आज हम सुनाने जा रहे है जो हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण होने के साथ – साथ हमारे जीवन को सुखी भी बनाते है। लेकिन हम लोगो को इनका महत्व दिखाई नहीं पड़ती। आज इन्हीं के बारे में थोड़ी सी कहानी किसान (Farmer) भाई की लेकर आया हूं। अगर आप … Read more Story of poor Farmer